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चांदी के बारे में 10 ज्ञानवर्धक तथ्य

चांदी जा Silver एक कीमती धातु है जिसका ज्ञान मनुष्य को प्राचीन समय से है। इस पोस्ट में हम आपको चाँदी से जुड़ी मज़ेदार जानकारी बताएँगे। परमाणु चिन्ह – Ag परमाणु पुंज – 107.8682 गलनांक – 961.8 °C घनत्व – 10.501 gm/cm³ क्वांथनांक (Bioling point) – 2162 °C 1. चांदी का रसायनिक चिन्ह Ag है जो कि लेटिन भाषा कि शब्द argentum से लिया गया है, argentum शब्द संस्कृत भाषा के शब्द argunas (अर्गुनस) से आया है। इससे पता चलता है कि हिंदुओं को चांदी की जानकारी बहुत पहले से थी। 2. चांदी बिजली का सबसे अच्छा सुचालक (conducter) है। इसे दूसरे तत्वों की सुचालकता मापने के लिए आधार बनाया गया है। तत्वों की सुचालकता के पैमाने (scale) पर जो कि 0 से 100 तक है, चांदी को 100वां स्थान दिया गया है। तांबे को 97वां और सोने को 76वां स्थान दिया गया है। 3. चांदी सोने के बाद सबसे लचीली धातु है। सिर्फ 29 ग्राम चांदी की ढाई किलोमीटर लंबी बारीक तार बनाई जा सकती है। पर 29 ग्राम सोने की तार 8 किलोमीटर से ज्यादा लंबी होगी। 4. चांदी में 95% प्रकाश को परिवर्तित करने की समता है। यह सभी तत्वों से ज्यादा है। इस कारण से चा

चाय के बारे में यह 11 बातें आप नही जानते होंगे !

चाय को चाय के पौधे की पत्तियों से बनाया जाता है। वर्तमान समय में हमारे रोजमर्रा के जीवन में एक चाय के कप की बहुत अहमीयत है। हम चाय तो रोज़ पीते हैं पर चाय के बारे में कई मज़ेदार बातों से अनजान हैं। इस पोस्ट में आपको ऐसी ही मज़ेदार बातों के बारे में बताते हैं– 1. चीन के लोगों ने सबसे पहले चाय पीना शुरू किया। ऐसा कहा जाता है कि 4700 साल पहले चीन के एक राजा ‘शैन नुंग‘ के सामने रखे गर्म पानी के प्याले में, चाय की कुछ सूखी पत्तियाँ आकर गिरी जिससे पानी में रंग आ गया। जब राजा ने उसको जरा सा पीया तो उन्हें स्वाद बहुत पसंद आया ओर तभी से चाय का सफर शुरू होता है। 2. भारत में चाय की खेती की शुरूआत 1835 में हई थी। दरासल 1815 में कुछ ब्रिटिश यात्रियों का ध्यान असम में उगने वाली चाय की झाड़ियों पर गया था जिसे स्थानीय कबाइली लोग एक पेय बनाकर पीते थे। इसके बाद 1834 में अंग्रेज़ सरकार द्वारा एक समिति का गठन किया गया जिसका उद्देश्य भारत में चाय की परंपरा शुरू करने और उसका उत्पादन करने की संभावना तलाश करना था। तब जाकर भारत में 1835 में चाय के पहले बाग लगाए गए। 3. पहले की कुछ सदियों तक चाय का उपयोग एक द

ब्रह्माण्ड के बारे में 14 रोचक तथ्य

1. आप का T.V. या कोई और आवाज़ पैदा करने वाला रिकार्डर जा music set जब ठीक से नही चल रहा होता तब यह जो बेकार सी आवाज पैदा करता है यह Big Bang(महाविस्फोट) के तुरंत बाद बनने वाली रेडिऐशन का नतीजा है जो आज 15 अरब साल बाद भी है। 2. खगोलविज्ञान के अनुसार हम कहते है कि हर भौतिक वस्तु इस ब्रह्मांण्ड में मौजुद है। इसमें ही खरबों तारे, सौर मंण्डल और आकाशगंगाएं है। पर यह सिर्फ सारी वस्तुओं का 25 प्रतीशत ही है। अभी भी कई ऐसी और चीजों के बारें में पता लगाया जाना बाकी है। 3. अगर नासा एक पंक्षी को अंतरिक्ष में भेजे तो वह उड़ नही पाएगा और जल्दी ही मर जाएगा। क्योंकि वहां पर उड़ने के लिए बल ही नही है। 4. क्या आप को पता है श्याम पदार्थ(dark matter) ब्रह्माण्ड में पाया जाने वाला ऐसा पदार्थ है जो दिखता नही पर इसके गुरूत्व का प्रभाव जरूर पाया गया है। तभी इसे श्याम पदार्थ का नाम दिया गया है क्योंकि यह है तो दिखता नही। 5. अगर आप 1 मिनट में 100 तारे गिने तो आप 2000 साल में एक पुरी आकाशगंगा गिन देगें। 6. महाविस्फोट के बाद ब्रह्माण्ड विस्तारित होकर अपने वर्तमान स्वरूप में आया । पर आधुनिक विज्ञान के अनुसार भ

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से जुड़े 11 मज़ेदार तथ्य

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन धरती की कक्षा में स्थित एक उपग्रह जा प्रयोगशाला है जो इसलिए बनाया गया है ताकि वैज्ञानिक इसमें रह कर लंबे समय तक अंतरिक्ष में काम कर सकें। इसमें एक समय में छः वैज्ञानिक रह सकते हैं। 1. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन इंसान द्वारा बनाई गई अब तक की सबसे महंगी चीज़ है, जिस पर कुल 160 अरब डॉलर का खर्चा आया है। इतनी रकम 11 लाख करोड़ रूपए से ज्यादा है जिससे 150 से ज्यादा ताजमहल बनाए जा सकते हैं। 2. स्पेस स्टेशन 24 घंटे 27,600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से पृथ्वी के ईर्द-गिर्द चक्कर लगाता रहता है। इस तरह से यह हर 92 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर पूरा कर लेता है और एक दिन में पृथ्वी के साढ़े 15 चक्कर लगा लेता है। 3. स्पेस स्टेशन पृथ्वी की कक्षा में 330 से 435 किलोमीटर की ऊँचाई पर रहता है। इतनी कम ऊँचाई की वजह से यह कई बार नंगी आंखों से भी दिख जाता है। 4. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को 20 नवंबर 1998 को लांच किया गया था, यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि इसके हिस्सों को 136 उड़ानों के जरिए भेजा गया था, इसके हिस्सों को वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में ही जोड़ा। 5. इंटरनेशन स्पेस स्टे

कीड़ों के बारे में 44 रोचक तथ्य

धरती पर कीड़ों की उत्पती मनुष्य से पहली हुई मानी जाती है। पहले तो सभी कीड़े एक जैसे थे मगर भिन्न हालातों में रहने के कारण इन की शारीरीक संरचना में थोड़ा-थोड़ा अंन्तर आ गया और इन की कई प्रजातीयां अस्तितव में आ गई। मौजुदा समय में लगभग 9 लाख किस्म के कीड़ो की खोज कर ली गई है। इन में से प्रमुख्य हैं-Ant(चींटी), Bee(मधुमक्खी), Beetle(गौबरैला), Bug(खटमल),Butterfly(तितली), Chentipede(गोजर), Cricket(झीगुर), Crab(केकड़ा), Earthworm(केंचुया), Firefly(जुगनु), Flea(पिस्सु), Fly(मक्खी), Frog(मेढ़क), Grasshopper(फतंगा), Leech(जोंक), Louse(ढील),और Mosquito(मक्छर) आदि। यह कीड़े धरती पर हर जगह पाए जाते हैं और हर जगह इन की भिन्न-भिन्न प्रजातीयां रहती हैं। हमारे पूर्वज भी कीड़े-मकौड़े खाते थे। सन 2003 में चीन के हुनेई राज्य में एक कंकाल मिला था। यह कंकाल लगभग साढ़े 5 करोड़ साल पहले का था। जब वैज्ञानिकों ने इसका अध्ययन कार्य किया तो वैज्ञानिको ने बताया कि इसका वजन महज 20 से 30 ग्राम तक था और इसका कद केवल 7 सैंटीमीटर था। यह चौपाया जीव मेढ़क की तरह चलता था। इसकी मुख्य खुराक कीड़े ही थे। आइए इन कीड़ों के ब

कीड़ों के बारे में 44 रोचक तथ्य

धरती पर कीड़ों की उत्पती मनुष्य से पहली हुई मानी जाती है। पहले तो सभी कीड़े एक जैसे थे मगर भिन्न हालातों में रहने के कारण इन की शारीरीक संरचना में थोड़ा-थोड़ा अंन्तर आ गया और इन की कई प्रजातीयां अस्तितव में आ गई। मौजुदा समय में लगभग 9 लाख किस्म के कीड़ो की खोज कर ली गई है। इन में से प्रमुख्य हैं-Ant(चींटी), Bee(मधुमक्खी), Beetle(गौबरैला), Bug(खटमल),Butterfly(तितली), Chentipede(गोजर), Cricket(झीगुर), Crab(केकड़ा), Earthworm(केंचुया), Firefly(जुगनु), Flea(पिस्सु), Fly(मक्खी), Frog(मेढ़क), Grasshopper(फतंगा), Leech(जोंक), Louse(ढील),और Mosquito(मक्छर) आदि। यह कीड़े धरती पर हर जगह पाए जाते हैं और हर जगह इन की भिन्न-भिन्न प्रजातीयां रहती हैं। हमारे पूर्वज भी कीड़े-मकौड़े खाते थे। सन 2003 में चीन के हुनेई राज्य में एक कंकाल मिला था। यह कंकाल लगभग साढ़े 5 करोड़ साल पहले का था। जब वैज्ञानिकों ने इसका अध्ययन कार्य किया तो वैज्ञानिको ने बताया कि इसका वजन महज 20 से 30 ग्राम तक था और इसका कद केवल 7 सैंटीमीटर था। यह चौपाया जीव मेढ़क की तरह चलता था। इसकी मुख्य खुराक कीड़े ही थे। आइए इन कीड़ों के ब